What is Eklavya School, and how to get admission, know the process here?
एकलव्य स्कूल को मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल के नाम से भी जाना जाता है। यह स्कूल खासतौर पर अनुसूचित जनजाति (शेड्यूल ट्राइब) कैटेगरी के छात्रों के लिए बनाए जाते हैं। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की योजना आसपास के आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बनाई गई है। यह स्कूल राज्य सरकारों के अंतर्गत काम करते हैं और इनको चलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा फंड जारी किया जाता है।
एकलव्य स्थापना का उद्देश्य
EMRS पूरे भारत में भारतीय जनजातियों अनुसूचित जनजाति (ST) के लि, मॉडल आवासीय विद्यालय बनाने की एक योजना है। इसकी शुरुआत वर्ष 1997-98 में हुई थी। इन विद्यालयों में आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बनाई गई है। इसमें आदिवासी छात्रों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया जाता है।
कितने हैं स्कूल
एकलव्य विद्यालय मिनिस्ट्री ऑफ ट्राइबल अफेयर्स, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के अंतर्गत आते हैं और आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक इनकी कुल संख्या 689 है। इनमें से 401 स्कूल फंक्शनल हैं।
एडमिशन प्रोसेस
एकलव्य स्कूल में एडमिशन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दिया जाता है। इसमें कक्षा 6 से लेकर 9 तक एवं 11वीं कक्षा में प्रवेश दिया जाता है। प्रवेश के लिए पहले छात्रों को आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करनी होती है, जिसके बाद प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इसके बाद छात्रों की रैंक के अनुसार विद्यालय में प्रवेश दिया जाता है।
बजट 2023 में नई योजनाएं एवं भर्तियां
01 फरवरी, 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किया गया, जिसमें नए एकलव्य स्कूल की स्थापना की घोषणा की गई। वित्त मंत्री द्वारा बजट में 740 नए एकलव्य मॉडल स्कूल स्थापित किए जाएंगे। इन विद्यालयों को आगामी तीन वर्षों में स्थापित किए जाएंगे जिससे 3.5 लाख छात्र-छात्राओं को शिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के साथ बजट में 3.5 लाख छात्र-छात्राओं 38,800 शिक्षकों एवं कर्मचारियों की भर्ती करने की घोषणा भी की गई है। इस घोषणा के जरिए जहां छात्रों को बेहतर पढ़ाई का अवसर तो मिलेगा ही साथ ही करीब 8 हजार से ज्यादा शिक्षकों और सपोर्ट स्टाफ को रोजगार भी मिलेगा।