Interesting facts about the budget of independent India from the British

History of Indian Budget: प्रतिवर्ष 01 फरवरी को केंद्र सरकार अपना पूर्ण बजट पेश करती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी, 2023 को वित्त वर्ष 2022-2023 को बजट पेश करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से पेश किया जाने वाला यह 10वां बजट होगा। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह अंतिम पूर्ण बजट होगा। अगर आप बजट के पूर्ण इतिहास को जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद उपयोगी है।

कहां से आया बजट का नाम
‘बजट’ शब्द फ्रांस का एक शब्द ‘बुगेट ‘ से लिया गया है। इसका अर्थ होता है एक छोटा चमड़े का बैग, बटुआ या थैली। कहा जाता था कि ब्रिटेन के चांसलर ऑफ एक्सचेकर यानी वित्तमंत्री ने अपना बजट खोला मतलब उन्होंने सबसे पहले वित्तीय योजनाओं से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए।

कब हुई भारतीय बजट की शुरुआत
भारतीय प्रशासन को 7 अप्रैल, 1858 को ईस्ट-इंडिया कंपनी से ब्रिटिश क्राउन में स्थानांतरित कर दिया गया था। दो साल बाद 7 अप्रैल, 1860 को पहली बार वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने बजट पेश किया। इसके बाद अंतरिम सरकार के सदस्य लियाकत अली खान ने 1947-48 का बजट पेश किया। 15 अगस्त, 1947 में भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली जिसके बाद 26 नवंबर, 1947 को कार्यकारी सरकार में वित्त मंत्री आर.के शनमुखम चेट्टी ने आजाद भारत का पहला बजट पेश किया था। देश के पहले बजट में खर्च का अनुमान 197.29 करोड़ रुपए था, जबकि 171.15 करोड़ रुपए की आमदनी का अनुमान था। राजकोषीय घाटा 26.24 करोड़ रुपए के करीब था।

क्या थी बजट की टाइमिंग
ब्रिटिश काल में बजट शाम को पांच बजे पेश किया जाता था और यह बजट तब फरवरी माह के अंतिम दिन पेश किया जाता है। आजादी के बाद सन 1999 तक बजट इसी दिन पेश किया जाता रहा। 1999 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इसका बजट पेश करने का समय बदलकर सुबह के 11 बजे कर दिया। इसके बाद 2017 में तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने फरवरी के अंतिम दिन के बजाए बजट फरवरी के प्रथम दिन पेश करने की शुरुआत की। तब से लेकर भारत सरकार का बजट प्रतिवर्ष 01 फरवरी को पेश किया जाने लगा।

अब तक बजट पेश कर चुके वित्तमंत्रियों की सूची
वित्तमंत्रियो के नाम कितनी बार पेश किया बजट
-मोरारजी देसाई :10 बार
-पी चिदंबरम : 9 बार
-प्रणब मुखर्जी : 7 बार
-सीडी देशमुख : 7 बार
-यशवंत सिन्हा : 6 बार
-मनमोहन सिंह : 6 बार
-वाईबी चौहान : 5 बार
-टीटी कृष्णमचारी : 5 बार
-अरुण जेटली : 5 बार
-निर्मला सीतारमण : 5 बार

2017 में हुआ केंद्रीय बजट और रेल बजट का विलय
सन 1924 से लेकर वर्ष 2016 तक केंद्रीय बजट और रेल बजट को अलग-अलग पेश किया जाता था। लेकिन वर्ष 2017 में इसे मर्ज कर दिया गया। पहला संयुक्त बजट तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा प्रस्तुत किया गया।

कब हुए बजट में बदलाव
ब्रिटिश परंपरा के अनुसार वित्त मंत्री बजट दस्तावेज को भूरे या लाल बैग/ब्रीफकेस में रखकर संसद में बजट पेश करने पहुंचते थे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बैग और ब्रीफकेस दोनों को ही नकार कर बही-खाता के रूप में बजट पेश किया। कोविड-19 महामारी आने के बाद पेपरलेस बजट की शुरुआत हुई। वर्ष 2021-22 का बजट पहली बार कागज-रहित पेश किया गया था।

कैसे तैयार होता है बजट
भारत में बजट को तैयार करने की प्रक्रिया काफी जटिल है। इसे बनाने में वित्त मंत्रालय के साथ नीति आयोग और खर्च से जुड़े मंत्रालय शामिल होते हैं। वित्त मंत्रालय इन्हीं अलग-अलग मंत्रालयों के अनुरोध पर खर्च का एक प्रस्ताव तैयार करता है। इसके बाद बजट बनाने का काम वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग का बजट सेक्शन करता है।

क्या होता है हलवा समारोह
वित्त मंत्रालय के बजट विभाग के जितने भी अधिकारी बजट बनाने का कार्य करते हैं, उन्हें संसद में बजट पेश होने तक अपने परिवारों से संपर्क नहीं करने दिया जाता। ऐसे में सरकार उनकी मेहनत को लेकर आभार प्रकट के लिए भी हलवा समारोह का आयोजन करती है।