स्पेस एजुकेशन के क्षेत्र में अनेकों संभावनाएं मौजूद है
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 में आधुनिक शिक्षा की परिकल्पना की गई है और इसमें अनुभवात्मक शिक्षा, आलोचनात्मक सोच और बहु-विषयक दृष्टिकोण पर जोर दिया गया है। ये सिद्धांत स्पेस एजुकेशन के लिए एक ठोस आधार प्रदान करते हैं। छात्रों में अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासा जगाने और कुछ चुनौतीपूर्ण करने के लिए प्रेरित करने के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति जुनून पैदा करने के लिए अंतरिक्ष शिक्षा कार्यक्रम आवश्यक है। आगामी दशकों में अंतरिक्ष उद्योग में उल्लेखनीय उछाल आने की संभावना है। अंतरिक्ष शिक्षा के जरिये छात्र अत्याधुनिक अंतरिक्ष तकनीकों और चुनौतियों से अवगत होंगे, जो उन्हें भविष्य के कॅरिअर के लिए तैयार करेगा।
यह क्यों जरूरी है
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कोर्स या स्पेस साइंस छात्रों को उपग्रहों, रॉकेटों, अंतरिक्ष यान आदि जैसी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों को डिजाइन करने, विकसित करने और संचालित करने तथा उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करता है। इसके पाठ्यक्रमों के अंतर्गत शामिल कुछ विषयों में अंतरिक्ष यान डिजाइन और इंजीनियरिंग, अंतरिक्ष नेविगेशन, खगोल विज्ञान, नवाचार आदि शामिल हैं।
प्रमुख कोर्स
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्नातक कोर्सेज में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक, बीटेक स्पेस टेक्नोलॉजी स्नातकोत्तर कोर्स के तहत एमटेक एयरोस्पेस इंजीनियरिंग हैं। इसके अलावा खगोल भौतिकी और अंतरिक्ष विज्ञान, उपग्रह संचार जैसे सर्टिफिकेशन कोर्स, खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आदि में डिप्लोमा तथा उपग्रह एवं अंतरिक्ष संचार, सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली में स्नातकोत्तर डिप्लोमा भी किया जा सकता है।
ऑनलाइन कोर्सेज
आईआईटी, कानपुर द्वारा रिमोट सेंसिंग, जीआईएस और सैटेलाइट कम्युनिकेशन कोर्स, भारतीय रिमोट सेंसिंग संस्थान द्वारा जीआईएस और रिमोट सेंसिंग कोर्स, इसरो द्वारा आईआईआरएस-इसरो आउटरीच प्रोग्राम, उडेमी द्वारा एयरोस्पेस और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी फंडामेंटल कोर्स आदि कुछ महत्वपूर्ण ऑनलाइन कोर्सेज हैं।
कॅरिअर की राहें
इस क्षेत्र मे सैटेलाइट, एयरोस्पेस और एवियोनिक्स तकनीशियन, अंतरिक्ष वैज्ञानिक, अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, स्पेसपोर्ट ऑपरेशन मैनेजर, पर्यटक गाइड जैसे विभिन्न पेशेवरों की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त अंतरिक्ष विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय जैसी सरकारी एजेंसियां अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष अन्वेषण, सुदूर संवेदन और जलवायु अध्ययन से संबंधित परियोजनाओं पर काम करने के अवसर प्रदान करती हैं।
प्रमुख संस्थान
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास
https://www.iitm.ac.in/
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर
https://www.iitkgp.ac.in/
आईआईएससी, बंगलूरू
https://iisc.ac.in/
बिट्स, पिलानी
https://www.bits-pilani.ac.in/