तनाव को न होने दें खुद पर हावी
प्रतियोगी परीक्षाओं के मौसम में तनाव होना आम बात है। ऐसे में माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन जैसी तकनीकें कारगर हैं…
आपमें से बहुत से छात्र ऐसे होंगे, जिन्होंने कुछ समय पहले बोर्ड की परीक्षाएं दी होंगी। उसके बाद स्नातक और अन्य कोर्सेज में दाखिले के लिए सीयूईटी, नीट, जेईई जैसी प्रवेश परीक्षाओं में भी शामिल हुए होंगे। बहुत से छात्र ऐसे भी होंगे, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बैठने वाले होंगे या बैठ चुके होंगे। लगातार होती परीक्षाओं और पढ़ाई के बीच तनाव तो आ ही जाता है। ऐसे में आपको खुद को रिफ्रेश करने का समय शायद ही मिल पाता हो। अधिक तनाव आपके परिणामों को तो प्रभावित करेगा ही, साथ ही यह आपके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालेगा। इसलिए ऐसे समय में खुद को तनाव से बचाएं और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं।
तनाव के कारणों को समझें
अमूमन छात्रों के ऊपर परिणाम को लेकर माता-पिता, शिक्षक और दोस्तों का इमोशनल दबाव हावी हो जाता है। इससे चिंता, घबराहट और आत्म-संदेह जैसे विकार उत्पन्न होने लगते हैं। साथ ही परीक्षा से पहले समय पर सिलेबस को खत्म नहीं कर पाने के कारण तैयारी की कमी से भी घबराहट और तनाव होना सामान्य बात है। इन कारणों की पहचान करके आप अपने तनाव को प्रबंधित कर सकते हैं। सिरदर्द, पेट की समस्याएं, चिंता, अवसाद, घबराहट, नींद न आना आदि तनाव के प्रमुख लक्षण हैं।
माइंडफुलनेस तकनीक है कारगर
अपनी अपेक्षाओं को लेकर अधिक संवेदनशील छात्र तनाव महसूस कर सकते हैं। परीक्षा तनाव से निपटने के लिए माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन तकनीक अमूल्य संसाधन हैं। इन अभ्यासों को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करके, विशेष रूप से परीक्षा के समय छात्र खुद में लचीलापन और भावनात्मक नियंत्रण विकसित कर सकते हैं। आत्म-देखभाल और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर आप परीक्षाओं में तनावमुक्त होकर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
एक स्वस्थ दिनचर्या फॉलो करें
परीक्षा के तनाव से बचने के लिए सबसे पहले एक स्वास्थ्यप्रद दिनचर्या बनाएं और रोजाना उसे फॉलो करें। पर्याप्त नींद तनाव को कम करने में सबसे ज्यादा कारगर है। इसलिए रोजाना सात-आठ घंटे की नींद अवश्य लें। इससे न केवल आपका दिमाग तरोताजा रहेगा, बल्कि आप पूरे दिन सक्रिय भी रहेंगे। व्यायाम और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप तनाव को कम करने के साथ ही खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ भी रख पाएंगे। संतुलित आहार लें और कैफीन व तली-भुनी चीजों से परहेज करें।
हमेशा पॉजिटिव रहें
पढ़ाई के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक तनाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं। अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए अमर उजाला ‘उड़ान’ की मोटिवेशनल किताबों से महान व्यक्तित्वों के विचारों और प्रेरक कहानियां पढ़कर खुद का आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं।..
आपमें से बहुत से छात्र ऐसे होंगे, जिन्होंने कुछ समय पहले बोर्ड की परीक्षाएं दी होंगी। उसके बाद स्नातक और अन्य कोर्सेज में दाखिले के लिए सीयूईटी, नीट, जेईई जैसी प्रवेश परीक्षाओं में भी शामिल हुए होंगे। बहुत से छात्र ऐसे भी होंगे, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बैठने वाले होंगे या बैठ चुके होंगे। लगातार होती परीक्षाओं और पढ़ाई के बीच तनाव तो आ ही जाता है। ऐसे में आपको खुद को रिफ्रेश करने का समय शायद ही मिल पाता हो। अधिक तनाव आपके परिणामों को तो प्रभावित करेगा ही, साथ ही यह आपके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालेगा। इसलिए ऐसे समय में खुद को तनाव से बचाएं और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं।
तनाव के कारणों को समझें
अमूमन छात्रों के ऊपर परिणाम को लेकर माता-पिता, शिक्षक और दोस्तों का इमोशनल दबाव हावी हो जाता है। इससे चिंता, घबराहट और आत्म-संदेह जैसे विकार उत्पन्न होने लगते हैं। साथ ही परीक्षा से पहले समय पर सिलेबस को खत्म नहीं कर पाने के कारण तैयारी की कमी से भी घबराहट और तनाव होना सामान्य बात है। इन कारणों की पहचान करके आप अपने तनाव को प्रबंधित कर सकते हैं। सिरदर्द, पेट की समस्याएं, चिंता, अवसाद, घबराहट, नींद न आना आदि तनाव के प्रमुख लक्षण हैं।
माइंडफुलनेस तकनीक है कारगर
अपनी अपेक्षाओं को लेकर अधिक संवेदनशील छात्र तनाव महसूस कर सकते हैं। परीक्षा तनाव से निपटने के लिए माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन तकनीक अमूल्य संसाधन हैं। इन अभ्यासों को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करके, विशेष रूप से परीक्षा के समय छात्र खुद में लचीलापन और भावनात्मक नियंत्रण विकसित कर सकते हैं। आत्म-देखभाल और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर आप परीक्षाओं में तनावमुक्त होकर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
एक स्वस्थ दिनचर्या फॉलो करें
परीक्षा के तनाव से बचने के लिए सबसे पहले एक स्वास्थ्यप्रद दिनचर्या बनाएं और रोजाना उसे फॉलो करें। पर्याप्त नींद तनाव को कम करने में सबसे ज्यादा कारगर है। इसलिए रोजाना सात-आठ घंटे की नींद अवश्य लें। इससे न केवल आपका दिमाग तरोताजा रहेगा, बल्कि आप पूरे दिन सक्रिय भी रहेंगे। व्यायाम और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप तनाव को कम करने के साथ ही खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ भी रख पाएंगे। संतुलित आहार लें और कैफीन व तली-भुनी चीजों से परहेज करें।
हमेशा पॉजिटिव रहें
पढ़ाई के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक तनाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं। अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए अमर उजाला ‘उड़ान’ की मोटिवेशनल किताबों से महान व्यक्तित्वों के विचारों और प्रेरक कहानियां पढ़कर खुद का आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं।..