मार्केट रिसर्च प्रतिभाशाली युवाओं की भारी डिमांड

मार्केट रिसर्च (बाजार अनुसंधान) को हम इस प्रकार भी समझ सकते हैं कि कोई कंपनी अपना नया उत्पाद (प्रोडक्ट) बाजार में लाने से पहले रणनीति बनाती है कि बाजार में उस उत्पाद की मांग कैसे उत्पन्न की जाए। कंपनी इस बात पर भी गौर करती है कि उसके उत्पाद का उपभोक्ता वर्ग कौन होगा। मार्केट रिसर्च द्वारा बाजार और उपभोक्ताओं से जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्रित की जाती हैं। इनके आधार पर ही उत्पाद को बाजार में उतारा जाता है।

जानें विषय का स्वरूप
किसी नए प्रोडक्ट या सर्विस को बाजार में फैलाने के लिए सबसे पहले विस्तृत आंकड़े इकट्ठा करने की जरूरत पड़ती है, जिसे अंजाम देते हैं मार्केट रिसर्चर। ये न सिर्फ नए प्रोडक्ट्स और सर्विसेज पर काम करते हैं, बल्कि बाजार की रणनीतियों पर भी काम करते हैं। ये सर्वेक्षण व सवाल-जवाब से एकत्रित हुए डाटा को डिजाइन करने के लिए सांख्यिकीय तकनीकों का सहारा लेते हैं। मार्केट रिसर्चर उपभोक्ता की पसंद, खरीदारी की आदत, बाजार में उस प्रोडक्ट की कीमत और बिक्री के आधार पर डाटा एकत्रित कर उसका विश्लेषणात्मक अध्ययन करते हैं।

कार्य की प्रक्रिया

रिसर्च : इस विभाग का काम बाजार और ग्राहकों से जुड़ी बातों, समस्याओं और आंकड़ों का पता लगाना और डाटा को इकट्ठा करना होता है। रिसर्च रिपोर्ट्स और प्रस्ताव बनाने का काम भी इसी विभाग के अंतर्गत आता है।

फील्ड वर्क : फील्ड वर्क के तहत फोन और मेल के जरिए अथवा घर-घर जाकर मार्केट सर्वेक्षण किया जाता है।

डाटा विश्लेषण : डाटा विश्लेषण के तहत प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण कर अंतिम परिणाम तक पहुंचा जाता है।

शैक्षणिक योग्यता
मार्केट रिसर्च में बतौर रिसर्च एक्जीक्यूटिव काम करने के इच्छुक अभ्यर्थियों को मार्केटिंग में एमबीए होना चाहिए। सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी या एन्थ्रोपोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं के लिए भी इस क्षेत्र में उजले अवसर हैं। वे युवा जो फील्ड वर्क करना चाहते हैं, उनके पास सांख्यिकी, भूगोल, अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान या कंप्यूटर साइंस में डिग्री के साथ ही अच्छी कम्युनिकेशन स्किल भी होनी चाहिए। इन योग्यताओं के साथ आप मार्केट रिसर्च फर्म, एडवरटाइिजंग एजेंसियों, मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज, कंसल्टेंसी फर्मों, सरकारी संगठनों, एनजीओ इत्यादि में नाैकरी के अवसर पा सकते हैं।

अवसरों की कमी नहीं
कंपनियों, शिक्षण संस्थानों, यहां तक कि सरकार को भी मार्केट रिसर्चर की जरूरत पड़ती है। मल्टीनेशनल मार्केटिंग संगठन और रिसर्च इंस्टीट्यूट भी इनहाउस मार्केट रिसर्च ऑपरेशन का काम करते हैं, जिसके लिए मार्केट रिसर्चर की मांग बनी रहती है। सरकारी विभागों को भी महत्वपूर्ण मुद्दों पर लोगों की राय जानने हेतु मार्केट रिसर्चर की जरूरत पड़ती है।

प्रमुख संस्थान

– मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन (एमआईसीए), अहमदाबाद
– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली
– डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
– नरसी मूनजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई