छात्रों को अनजान भविष्य के लिए तैयार करना है जरूरी

आज की दुनिया में चार शब्द अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता कारोबारों का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। कारोबार की रणनीति बनाने वालों के लिए भी आने वाले समय की भविष्यवाणी करना मुश्किल होता है। आज की परिस्थितियों को देखते हुए वे पूरे भरोसे के साथ कुछ भी नहीं कह सकते। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि इन परिस्थितियों के मद्देनजर ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को किस तरह का कौशल मिलना चाहिए। ऐसे में उन्हें सिर्फ ‘रोजगार योग्य’ बनाना ही जरूरी नहीं बल्कि इस तरह से तैयार करना चाहिए कि वे ‘बदलती परिस्थितियों’के अनुसार अपने आप में बदलाव ला सकें। तो भावी मैनेजर के पास कौन से कौशल होने चाहिए जो उन्हें नए दौर के कार्यस्थल के अनुकूल बना सकें? छात्रों और अभिभावकों को किस तरह के कौशल पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे आने वाले सालों में अपने पेशेवर कॅरिअर में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें? इस दृष्टि से सहानुभूति और भावनात्मक होशियारी- ये दो विशेषताएं सबसे ज्यादा मायने रखती हैं। आज दुनिया का हर कारोबार एआई पर आधारित हो रहा है, ज्यादातर प्रक्रियाओं को रोबोट्स के द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। इस बीच छात्रों के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वे मनुष्य की भावनाओं को समझें। उन्हें डिजिटल इंटरनेट के दौर में मनुष्य की भावनाओं के लिए संवेदनशील बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। आने वाले समय में मशीनों से घिरे लोगों के लिए बेहद जरूरी हो जाएगा कि वे काम के बीच मानवीय सहानुभूति को भी बनाए रखें। इसके बाद छात्रों के लिए कई और पहलू भी मायने रखते हैं जैसे नए विचार रखना, कुछ रचनात्मक काम करना और सीमाओं के दायरे से बाहर जाकर सोचना। कोडक, ब्लैकबेरी और नोकिया जैसे दिग्गजों को कारोबार में मिली असफलताएं इस बात का उदाहरण हैं कि सफलता पाने के लिए इनोवेशन बहुत जरूरी हैं। जितनी तेजी से दुनिया बदल रही है, छात्रों में रचनात्मकता और इनोवेशन के कौशल लाना बहुत जरूरी हो गया है। उन्हें हमेशा अपने आपको चुनौती देकर कुछ नया करने की कोशिश करनी चाहिए। कारोबारों में हमेशा कुछ नया करना जरूरी है, आधुनिक तरीकों को अपनाकर ही कारोबारों की क्षमता को बेहतर बनाया जा सकता है। इसके बाद अगला महत्वपूर्ण कौशल है कि विश्लेषणात्मक कौशल। विश्लेषण की क्षमता के साथ छात्र बदलते रुझानों को समझ सकते हैं। ये रुझान जीत और हार के बीच अंतर करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसा तभी संभव है जब छात्रों को आगामी बदलावों को पहचानने के लिए प्रशिक्षित किया जाए; और वे बदलते माहौल के अनुसार अपने आप को ढाल सकें, अपने आप में ज़रूरी बदलाव ला सकें। ऐसे में छात्र आराम से बैठ कर इस बात का इंतज़ार नहीं कर सकते कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा। काम के लिए प्रत्यास्थता और खुला दृष्टिकोण भी छात्रों के लिए एक और महत्वपूर्ण कौशल है। आने वाले समय में कार्यस्थलों में उम्र, जाति, पेशे और संस्कृति की दृष्टि से बहुत अधिक विविधता होगी। ऐसे में भावी मैनेजर्स के लिए ज़रूरी है कि वे अपने सहकर्मियों के साथ तालमेल बनाए रखते हुए काम करें, जो उनसे अलग हो सकते हैं। अंत में सीखने, भूलने और फिर से सीखने की क्षमता भी छात्रों के लिए मायने रखती है। आजकल हर दिन नई जानकारी बदलती रहती है। इसलिए शिक्षा सिर्फ ऐसी न हो कि छात्र रट कर चीज़ों को याद कर लें। इसके बजाए उन्हें हमेशा नई चीज़ों को सीखने की कोशिश करनी चाहिए। पुराने कौशल को भूल कर आत्मविश्वास के साथ नया कौशल सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए ताकि वे अनजान भविष्य का सामना सफलता के साथ कर सकें। लेखक – डॉ. जसकिरन अरोड़ा, डीन, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी