IAS Interview Mamta Yadav

ममता यादव
सिविल सेवा परीक्षा, 2020
रैंक-पांचवीं

आवश्यकता के मुताबिक स्वयं बनाएं नोट्स

मैं हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में स्थित एक छोटे से गांव बसई के एक मध्यमवर्गीय परिवार से नाता रखती हूं। पिताजी एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं और माताजी घर-परिवार की सभी प्रकार की व्यवस्‍थाएं संभालती हैं। बड़े भैया महेश यादव एक्साइज इंसपेक्टर हैं, जो वर्तमान में कोल्हापुर (महाराष्ट्र) में सेवारत हैं। मेरी शुरुआती स्कूली शिक्षा गांव में ही हुई है। इसके बाद मैं स्कूली और उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आई थी। 12वीं कक्षा में मैंने काफी अच्छे अंक हासिल किए थे, जिसकी बदौलत मेरा एडमिशन दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में हो गया था। दिल्ली आने के बाद मैंने दुनियादारी से संबंधित हर एक चीज को बारीकी से समझा, क्योंकि इससे पहले मैं गांव के माहौल में रही थी, इसलिए मुझे ज्यादा एक्पोजर नहीं मिल पाया था लेकिन दिल्ली में मैंने हर प्रकार से खुद को तैयार किया था। कॉलेज के दौरान मेरा
ज्यादातर समय पढ़ाई में ही व्यतीत होता था। इसी दौरान मैंने सिविल सेवा परीक्षा के बारे में सुना था क्योंकि कॉलेज के कई सहपाठी इस परीक्षा की तैयारी मे जुटे रहते थे। यहीं से मैंने सिविल सेवा परीक्षा के बारे में सभी प्रकार की जानकारी स्पष्ट की और मैंने भी तय किया कि स्नातक होने के बाद यह परीक्षा जरूर दूंगी। इस प्रकार धीरे-धीरे कब समय बीत गया मालूम तक नहीं चला।
कॉलेज से स्नातक पूरा होते ही मैं यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गई थी। इस परीक्षा की तैयारी के शुरुआती चरण में मैंने सबसे पहले यूपीएससी की वेबसाइट पर जाकर सिविल सेवा परीक्षा का पाठ्यक्रम (Syllabus) डाउनलोड किया, इसके बाद सिलेबस को अच्छी तरह पढ़ा और उसके हिसाब से एनसीईआरटी की किताबें इकट्ठा कीं। इसके अलावा स्टैंडर्ड बुक्स का भी सहारा लिया। ध्यान रहे इस परीक्षा की तैयारी बिना नियोजित दिनचर्या के संभव नहीं है। इसलिए मैंने तैयारी के पहले दिन से ही मेरी सुविधा के मुताबिक एक बेहतरीन दिनचर्या कार्यक्रम का निर्माण किया और अंत तक उसे ही फॉलो किया। इस शेड्यूल में पढ़ाई के अलावा मॉक टेस्ट, आंसर राइटिंग प्रैक्टिस और समय-समय पर तैयारी का एनालिसिस शामिल रहा। मैंने तैयारी के दौरान मेरा एटीट्यूड भी पूरी तरह से पॉजिटिव रखा। इस प्रकार अच्छी तैयारी के साथ इस परीक्षा के लिए मैंने पहला प्रयास 2019 की परीक्षा के रूप में दिया। लगभग 2 साल की तैयारी के बाद मैंने यह परीक्षा दी थी इसलिए पहले ही प्रयास में मुझे कामयाबी मिल गई और मैं 556वें स्‍थान पर भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (आईआरपीएस) के लिए चुनी गई लेकिन मुझे आईएएस बनना था इसलिए मैंने अपनी तैयारी को जारी रखा। इसी बीच भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा की ट्रेनिंग का दौर शुरू हो चुका था, इसलिए अब सिविल सेवा परीक्षा-2020 की तैयारी करना मेरे लिए किसी चुनौती के कम नहीं था। इसलिए मुझे पढ़ाई के दैनिक कार्यक्रम में बदलाव करके पढ़ाई का ज्यादा समय देर रात तक करना पड़ा, इस कारण मेरी नींद भी पूरी नहीं हो पाती थी लेकिन मेरे लिए लक्ष्य को हासिल करना बहुत जरूरी था, इसलिए अपने मजबूत इरादों और कामयाबी पाने के प्रति अपने जूनून ने मुझे निरंतर अथक रूप से प्रेरणा मिल ती रही। इस प्रकार जैसे-तैसे मैं पढ़ाई के लिए लगभग 10-12 घंटे निकाल ही लेती थी। उस समय मेरी तैयारी काफी अच्छी हो गई थी और इसलिए मुझे यह भरोसा था कि मैं टॉप-100 की लिस्ट में तो आ जाऊंगी, लेकिन टॉप-5 की लिस्ट में आ गई, यह मेरे लिए गर्व की बात है। मेरी इस कामयाबी का श्रेय अपने गुरुजनों,पिता अशोक कुमार, माता सरोज देवी, चाचा विजय कुमार व सत्यनारायण, भाई महेश यादव सहित पूरे परिवार को जाता है क्योंकि इन्होंने हर प्रकार से मेरा सहयोग किया था। इस परीक्षा के जुटे हुए सभी अभ्यर्थियों को मैं कहना चाहती हूं कि यूपीएससी की इस परीक्षा के पूरे सफर के दौरान आपका सकारात्मक रवैया और अपनी गलतियों को निरंतर तौर पर सुधारना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि नाकामयाबी के मुख्य कारण इन्हीं में से होते हैं।

2 साल की तैयारी के बाद देना चाहिए पहला प्रयास
नए अभ्यर्थियों के लिए मेरी सलाह है कि वे अपना पहला प्रयास देने से पहले अपनी तैयारी को पूरे 2 साल दें। क्योंकि इस परीक्षा का पाठ्यक्रम बहुत बड़ा है जिसे तरीके से 2 साल से कम समय में कवर कर पाना कठिन होता है। कुछ मामलों में यह अपवाद भी हो सकता है। जहां तक इस परीक्षा के तीनों चरणों के लिए समय की रणनीति का सवाल है तो फरवरी अंत तक मैंने प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा, दोनों के लिए एक साथ अध्ययन किया। इसके बाद मार्च से मई तक यानी प्रारंभिक परीक्षा होने तक मैंने पूरी तरह से प्रारंभिक परीक्षा पर ध्यान दिया। इस दौरान मैंने हर दिन एक मॉक टेस्ट किया। प्रारंभिक परीक्षा होते ही मैं पुनः मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट गई और तब तक जुटी रहीं जब तक मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित न हो जाए।

न कोचिंग, न गाइड, केवल सेल्फ स्टडी
पहले मैं दिन में 8 से 10 घंटे पढ़ाई करती थी, लेकिन जब मुझे पहले प्रयास में मनचाही कामयाबी नहीं मिली तब मैंने महसूस किया कि शायद कहीं न कहीं कोई कमी रह गई थी। इसलिए वर्ष 2020 के लिए मैंने दिन में 10 से 12 घंटे तक सेल्फ स्टडी की। मैंने अपनी पूरी तैयारी खुद के बलबूते पर की है। तैयारी के दौरान अपनी आवश्यकता के मुताबिक स्वयं ही नोट्स बनाती थी। समय खराब न हो और अपने लक्ष्य से विचलित न हो जाऊं इसलिए पूरी तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से हमेशा दूरी बनाकर रखी, हालांकि तैयारी के दौरान मैंने इंटरनेट का पूरा उपयोग किया।

कामयाबी के लिए जरूरी है इच्छा शक्ति
मेरा मानना है कि एक कामयाब और एक निराश व्यक्ति में ज्ञान का फर्क नहीं होता, फर्क होता है तो सिर्फ इच्छा शक्ति का। हालात कितने ही बुरे हों, घनघोर गरीबी हो। बावजूद इसके आपकी विल पावर मजबूत हो, आप पर हर हाल में कामयाब होने की सनक सवार हो, तो दुनिया की कोई ताकत आपको सफल होने से रोक नहीं सकती। वैसे भी जब हम कठिन कार्यों को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हैं और उन्हें खुशी और उत्साह से करते हैं तो चमत्कार होते हैं।

ऐसे बनाएं तैयारी की रणनीति
मैं इस परीक्षा की एक नियोजित रणनीति की बात करती हूं कि इस परीक्षा की तैयारी का सबसे पहला कदम परीक्षा के पाठ्यक्रम और पैटर्न को बहुत अच्छी तरह से समझना है इसके बाद पाठ्यक्रम के मुताबिक पाठ्यसामग्री का चयन करते हुए अपनी तैयारी की शुरुआत करनी है। विषयवार किताबों में सबसे पहली प्राथमिकता 11वीं और 12वीं कक्षा की एनसीईआरटी की किताबों को दें और रेफरेंस बुक्स बहुत सीमित रखें, ज्यादा किताबें ज्यादा उलझन को बढ़ावा देती हैं इसलिए किताबों के ढेर से बचें। इसके बाद सभी विषयों को अपनी मजबूती और कमजोरी के हिसाब से पर्याप्त समय देने का प्रयास करें। इस प्रकार आप अपनी तैयारी में संतुलन बना सकते हैं। करंट अफेअर्स के लिए प्रतिदिन 1-2 घंटे निकालें, इस दौरान जरूरी अखबार और वेबसाइट्स देखें जहां से आप प्रतिदिन का करंट अफेअर्स कवर कर सकते हैं। आप चाहें तो करंट अफेअर्स के शॉर्ट नोट्स भी बना सकते हैं। प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के लिए मॉक टेस्ट और टेस्ट सीरीज की मदद जरूर लें जिससे आप इस परीक्षा के स्तर के मुताबिक खुद का मूल्यांकन कर पाएं। क्योंकि यह इसलिए जरूरी है कि कई बार हम जो पढ़ते रहते हैं उसे ही सर्वश्रेष्ठ मान लेते हैं लेकिन बाद में पता लगता है कि जो हम पढ़ रहे थे वह इस परीक्षा के स्तर, ट्रेंड और प्रकृति के मुताबिक था ही नहीं, ऐसी स्थिति में हमारा कीमती समय और बहुमूल्य मेहनत बेकार चली जाती है। एक और जरूरी बात यह है कि इस परीक्षा का दूसरा चरण यानी मुख्य परीक्षा सबसे अहम भाग है। इस भाग में सामान्य अध्ययन, वैकल्पिक विषय और निबंध की तैयारी संतुलित होनी चाहिए। किसी एक क्षेत्र में बहुत कम अंक आपकी मेरिट को प्रभावित कर सकते हैं और आप अंतिम चयन सूची में आने से चूक सकते हैं। एक इंटीग्रेटेड तरीके से इस परीक्षा की तैयारी करें। कई बार अभ्यर्थी इस परीक्षा के अलग-अलग भाग की तैयारी अलग करते हुए नजर आते हैं जो बहुत गलत तरीका है। इंटीग्रेटेड तरीके से की गई तैयारी में इस परीक्षा के सभी तीनों चरणों, प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी एक साथ चलती रहती है। इसलिए हम इस परीक्षा के अगले पड़ाव के लिए मानसिक तौर पर भी तैयार रहते हैं जो बहुत आवश्यक है। इसके अलावा किसी भी टॉपिक की गहराई में जाने की बजाय ज्यादा से ज्यादा टॉपिक्स की सामान्य और संबंधित अपडेट की जानकारी होना जरूरी है।

निबंध की तैयारी के लिए सामान्य अध्ययन को मजबूत बनाएं
निबंध पेपर को मजबूती देने के लिए जरूरी है कि आपकी सामान्य अध्ययन के सभी पेपरों पर मजबूत पकड़ होनी चाहिए। निबंध की अच्छी तैयारी के लिए जरूरी है कि कुछ 15-20 संभावित विषयों पर अपना फोकस रखें और उन विषयों से संबंधित अच्छा कंटेंट, जरूरी तथ्य और आंकड़ों को इकठ्ठा करते रहें और जब भी संबंधित विषय पर निबंध लिखें तब इन सामग्री का उपयोग निबंध लेखन में करें। निबंध लेखन के लिए मैं कुछ खास बातें आपके साथ साझा कर रही हूं-

  • निबंध लिखने से पहले सबसे जरूरी बात, निबंध विषय की मूल भावना को अच्छी तरह से समझें और इसके बाद संबंधित विषय को विभिन्न आयामों से लिखते चले जाएं।
  • निबंध में गलती न हो इसके लिए आप निबंध लिखने से पहले रफ पेज पर ऐसे बिंदुओं की सूची क्रमवार तरीके से बना लें। इस प्रक्रिया को आप न्यूनतम 10 मिनट दे सकते हैं क्योंकि आपके विचारों का आधार ही निबंध लेखन है, इसलिए कोशिश करें कि आपके दिमाग में विषय से संबंधित अधिक से अधिक सकारात्मक विचार आएं। विचारों के आगमन का न्यूनतम समय पूरा होने के बाद लिखे हुए सभी विचारों से भी खास बातों का विभाजन करें और संबंधित उदाहरणों और तथ्यों का संकलन करते जाएं। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 15-20 मिनट का समय लग सकता है। इसके बाद आप इन सभी बातों को निबंध के प्रभावशाली प्रारूप में इंट्रो, मुख्य भाग और निष्कर्ष/उपसंहार में क्रमवार व्यवस्थित करते हुए लिखते जाएं।
  • निबंध लिखने से पहले यह जरूर तय कर लें कि कौन-सी बात, निबंध के किस भाग में यानी इंट्रो, मुख्य भाग और निष्कर्ष में लिखनी है। ऐसी गलती कतई न करें कि इंट्रो वाली बात मुख्य भाग और मुख्य भाग वाली बात निष्कर्ष में बता दें। इसका खास ध्यान रखें।
  • निबंध के निष्कर्ष में संबंधित विषय के नए विचारों या सुझावों का भी उल्लेख करते हुए खुद के मौलिक विचार भी प्रस्तुत करना लाभकारी होता है।

मेरी गलतियां और सुधार

  • मैंने उन विषयों में सुधार करने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया, जिन विषयों में मैंने पिछले प्रयास में कम अंक प्राप्त किए थे। इसके लिए टाइम टेबल में संबंधित विषयों को ज्यादा समय देना शुरू किया।
  • इस परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों के पैटर्न को पहचानने के लिए मैंने पिछले 7 वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल किया और यह समझ विकसित की कि आखिरकार किस विषय में से कितने और किस स्तर से सवाल पूछे जा रहे हैं।
  • मैंने पहले प्रयास में मॉक टेस्ट नहीं दिए थे, शायद इसी वजह से मेरी रैंक कम आई थी, इसलिए दूसरे प्रयास के दौरान पिछली गलतियों से सीख लेते हुए निबंध पेपर पर खूब ध्यान दिया। इसके अलावा लगभग 8-10 मॉक टेस्ट भी दिए जिनकी सहायता से अपना मूल्याकंन करते हुए आवश्यक सुधार किए।
  • मैंने किसी भी कोचिंग सेंटर की मदद नहीं ली, लेकिन टेस्ट सीरीज जरूर ज्वॉइन की थी क्योंकि इससे आप अपनी तैयारी के स्तर का आकलन समय रहते आसानी से कर सकते हैं।
  • करंट अफेअर्स को विभिन्न आयामों के साथ तैयार किया, जिससे संबंधित घटना को हर एंगल से समझ सकें और किसी भी सवाल में उन जानकारियों को समुचित उपयोग किया जा सकें।
  • करंट अफेअर्स के लिए 1 समाचार पत्र और 1 पत्रिका पर्याप्त है, इसके अलावा कुरुक्षेत्र, योजना, विज्ञान प्रगति का प्रत्येक अंक पढ़ना और जरूरी बिंदुओं और तथ्यों के नोट्स बनाना बहुत जरूरी है।
  • इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हर एक अभ्यर्थी को न केवल भारत के संबंध में बल्कि सामान्य रूप से दुनिया के सभी समसामयिक मामलों पर भी अच्छी पकड़ होनी चाहिए। मैंने शुरुआत से ही इस पर ध्यान दिया था।

साक्षात्कार की तैयारी के लिए जरूरी है मॉक साक्षात्कार
इस परीक्षा के लिए साक्षात्कार की तैयारी शुरू करने से पहले प्रत्येक अभ्यर्थी को खुद का मूल्यांकन करना चाहिए कि आप कौन हैं, कहां से नाता रखते हैं, आपने क्या पढ़ाई कर रखी है, कौन-कौन सी जॉब की है आदि सभी जानकारी आपको होनी चाहिए। क्योंकि इस साक्षात्कार में सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल इसी भाग से होते हैं। इसके अलावा केवल सामान्य सवाल पूछे जाते हैं, जिनमें ‘आप आईएएस क्यों बनना चाहते हो’ टाइप से होते हैं। इसलिए साक्षात्कार की तैयारी का सबसे अहम भाग वो होता है जो आपकी पृष्ठभूमि से किसी बड़ी घटना, व्यक्ति विशेष, जगह विशेष आदि से संबंध रखता है और इस प्रकार की तैयारी साक्षात्कार से 1-2 माह पूर्व संभव नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि इस परीक्षा की तैयारी के शुरुआती चरण में ही साक्षात्कार के नाम से एक मोटी डायरी बना लें और उसमें वे सारी जानकारी लिखते जाएं जो आप मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन करते समय विस्तृत आवेदन पत्र में भरेंगे और उस जानकारी से संबंधित दूर-दूर तक कोई भी घटना हो, फिर चाहे वह अखबारों की खबर बनी हो या फिर दूसरे तरीके से चर्चा का विषय रही हो, हर एक बात आपके लिए बहुत खास है। ऐसा करने से साक्षात्कार तक यानी एक साल की पूरी जानकारी आपको पूरी तरह से स्पष्ट होगी और आप साक्षात्कार में सटीक जवाब दे पाएंगे। इस प्रकार की रणनीति बहुत कारगर है। इसके अलावा दूसरी बड़ी बात साक्षात्कार के लिए आपका व्यवहार, आपकी सोच, आपकी संप्रेषण क्षमता, बातचीत का तरीका, जवाब देने का तरीका आदि बहुत महत्व रखती है। इसलिए तैयारी के पहले
दिन से ही इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आगे की तरफ बढ़ते रहें।