बायोकेमिकल इंजीनियरिंग खोलें तरक्की की राह

बायोकेमिकल इंजीनियर्स के लिए सरकारी और कॉरपोरेट दोनों स्तरों पर रोजगार के व्यापक अवसर मौजूद हैं…

बायोकेमिकल इंजीनियरिंग, रासायनिक इंजीनियरिंग (केमिकल इंजीनियरिंग), जैव रसायन और सूक्ष्म जीव विज्ञान का एक अंतर विषयक अध्ययन है। इसका मुख्य उद्देश्य जैव प्रौद्योगिकी, जैव रासायनिक इंजीनियरिंग, माइक्रोबियल और एंजाइम सिस्टम में छात्रों को प्रशिक्षित करना है। बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के अंतर्गत कई विषयों का अध्ययन होता है, जैसे- बायोकेमिस्ट्री, बायो एंटरप्रेन्योरशिप, ऑर्गेनिक, केमिस्ट्री, पॉलीमर इंडस्ट्री, इम्यूनोलॉजी, बायोप्सी, बायोप्रोसेस, एन्वॉयरन्मेंटल बायोटेक्नोलॉजी, एन्वॉयरन्मेंटल स्टडी, फर्टिलाइजर टेक्नोलॉजी आदि। इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण विषय बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के अंतर्गत आते हैं। जिनकी जानकारी आप इंटरनेट से ले सकते हैं।

क्या है योग्यता
ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों के पास फिजिक्स, गणित, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है। कई जगहों पर कोर्स में दाखिला लेने के लिए 50 प्रतिशत अंकों से 12वीं पास होना जरूरी होता है। कोर्स में दाखिला लेने के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम से होकर गुजरना पड़ता है। अगर आप पोस्ट-ग्रेजुएशन कोर्स करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपके पास बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग/बीटेक की डिग्री के साथ ही पीजी कोर्स के लिए एंट्रेंस एग्जाम में अच्छा स्कोर होना चाहिए। इसके बाद ही आपको पोस्ट-ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला मिल सकता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह टेस्ट कई केंद्रीय, राज्य और निजी विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित किया जाता है। बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में पोस्ट-ग्रेजुएशन का कोर्स देश की कई बेहतरीन यूनिवर्सिटीज में करवाया जाता है, इसके अलावा कई प्राइवेट संस्थान भी
मास्टर्स कोर्स करवाते हैं। वहां पर आप एडमिशन लेकर अपने कॅरिअर को ऊंचाई दे सकते हैं। बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स कोर्स कहां-कहां करवाया जाता है, इसके बारे में जानने के लिए आप इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।

क्या मिलती है सैलरी
भारत में एक बायोकेमिकल इंजीनियर को सालाना लगभग 15 से 20 लाख तक सैलरी मिल सकती है। हालांकि शुरुआत में सैलरी 3 लाख से 5 लाख तक होती है। अगर किसी सरकारी संस्थान में नौकरी मिली हो, तो वेतन इससे ज्यादा मिल सकता है। प्राइवेट सेक्टर में अनुभव और सरकारी क्षेत्र में सैलरी के लिए नियम मायने रखते हैं।

कॅरिअर की संभावनाएं
कोर्स के सफल समापन के बाद, बायोकेमिकल इंजीनियर ज्यादातर सरकारी और कॉरपोरेट दोनों स्तरों की जैविक प्रयोगशालाओं में काम करते हैं। वे आमतौर पर जीवविज्ञानी या रसायनज्ञों के समूह के साथ काम करते हैं। जैव प्रौद्योगिकी फर्म, खाद्य और पेय कंपनियां, कृषि और रासायनिक उद्योग, अपशिष्ट प्रबंधन फर्म, पेट्रोलियम और गैस क्षेत्र, जैव चिकित्सा फर्म, इंजीनियरिंग डिजाइन कंपनियां, दवा कंपनियां, निर्माण कंपनियां, और पारिस्थितिकी और पर्यावरण एजेंसियां जैव रासायनिक इंजीनियरों के लिए अच्छे अवसर प्रदान करती हैं।

प्रमुख संस्थान
-बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी संस्थान, वाराणसी
-महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा
-प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग संकाय, वडोदरा
-जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, अलीगढ़
-अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
-आंध्र यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, विशाखापत्तनम
-अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई