Success Story of Surendran K. Patel

केरल में बीड़ी बनाने वाला बना अमेरिका में जज; जानिए सक्सेज स्टोरी

आज हम अपनी सक्सेज स्टोरी में बात करते हैं कासरगोड, केरल में जन्मे सुरेंद्रन के पटेल की। भारतवंशी और अमेरिका में बसे सुरेंद्रन के पटेल के लिए नया साल सफलता की नई ऊंचाइयां लेकर आया, क्योंकि उन्होंने टेक्सास के फोर्ट बेंड काउंटी में 240वें न्यायिक जिला न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। आपको बता दें कि जिला न्यायाधीशों को अमेरिका में चुनावों के माध्यम से चुना जाता है। 51 वर्षीय पटेल ने चुनाव के पहले दौर में सिटिंग जज को हराकर अमेरिका में डिस्टि्रक्ट जज बनने वाले पहले मलयाली बने। गरीब परिवार में जन्मे सुरेंद्रन के पटेल के लिए यह रास्ता बहुत कठिनाई वाला रहा लेकिन उन्होंने दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और इच्छा शक्ति से इस पद को हासिल किया। सुरेंद्रन पटेल (Surendran K Pattel) की ये कहानी उन लोगों के लिए हौसले की मिसाल है, जो गरीबी और अभाव के बाद भी सपना देखना बंद नहीं करते।

आ​र्थिक तंगी के चलते बने बीड़ी मजदूर

सुरेंद्रन के पटेल का जन्म कासरगोड के सुदूर बलाल गांव में हुआ था और उनके पिता दिहाड़ी मजदूर थे। उनके परिवार में कुल छह भाई-बहन थे। दसवीं कक्षा के बाद सुरेंद्रन को आर्थिक तंगी के चलते कुछ समय के लिए अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उन्होंने एक साल तक उन्होंने बीड़ी बांधने वाले के तौर पर काम किया। सुरेंद्रन ने बताया कि, ‘चूंकि मैं एक बहुत गरीब परिवार से था। इसलिए हमें गंभीर वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जब मैं कक्षा 9 में था तब मैंने बीड़ी रोलर के रूप में काम करना शुरू किया और अन्य मजदूरी के काम भी किए। एसएसएलसी पूरा करने के बाद मैंने एक साल तक बीड़ी मजदूर के रूप में काम किया। लेकिन उस एक साल के ब्रेक ने भविष्य के बारे में मेरा नजरिया बदल दिया। अगले साल मैंने प्री-डिग्री कोर्स के लिए एलेरिटाट्टू के सरकारी कॉलेज में दाखिला लिया।

आगे की शिक्षा के लिए सुरेंद्रन ने साल 1992 में पैयन्नूर कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद जब सुरेंद्रन ने कोझिकोड के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में एलएलबी कोर्स के लिए दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने साल 1996 में होसदुर्ग में वकील के रूप में 09 वर्ष तक प्रैक्टिस की। उनकी पत्नी सुभा के एक अस्पताल में नर्स के रूप में नियुक्त हो गईं तो उन्हें नई दिल्ली आना पड़ा। यहां उन्होंने तीन साल तक सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की। कुछ समय बाद सुरेंद्रन की पत्नी को अमेरिका में एक प्रमुख चिकित्सा सुविधा में काम करने के लिए चुना गया इस वजह से उन्हें अमेरिका का स्थायी निवासी वीजा प्राप्त हो गया, जिसके बाद वे 2007 में टेक्सास के ह्यूस्टन चले गए। वहां उन्होंने बार की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में इसे पास कर लिया और वे जज के पद के लिए चुन लिए गए।