Role of mock Tests in the preparation of any competitive exam

सरकारी नौकरी पाना हर किसी का सपना होता है। लेकिन इसके लिए आपको प्रतियोगी परीक्षाओं को देना होता है। प्रतिवर्ष बहुत सी भर्तियां निकलती हैं और उनके लिए परीक्षा का आयोजन किया जाता है। कुछ भर्तियों में दो परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है जिन्हें प्रीलिम एवं मेंस के नाम से जाना जाता है। इन परीक्षाओं के पैटर्न समझने, परीक्षा के रियल टाइम का अनुमान लगाने और बार-बार हो रही गलतियों से निपटने में मॉक टेस्ट एक अहम भूमिका निभाते हैं। आप इस आर्टिकल से परीक्षा में मॉक टेस्ट की भूमिका की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

क्या होते हैं मॉक टेस्ट
मॉक टेस्ट पेपर वास्तविक टेस्ट पेपर के अनुसार ही तैयार किए जाते हैं। मॉक टेस्ट आपको प्रश्न पैटर्न, पाठ्यक्रम और परीक्षा के कठिनाई स्तर से की जानकारी प्रदान कराते हैं। इस प्रकार, मॉक टेस्ट पेपर देने से उम्मीदवारों को वास्तविक परीक्षा प्रबंधन परिचित होने में मदद मिलती है।

प्रश्न पत्र की होगी सही जानकारी
किसी भी प्रतियोगी या भर्ती परीक्षा की तैयारी के लिए पेपर पैटर्न का ज्ञान होना बहुत जरूरी होता है। मॉक टेस्ट से अभ्यर्थी को परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न, प्रश्न के लिए निर्धारित अंक, हर सेक्शन में कितनें प्रश्न पूछे जाएंगे और उसके लिए मार्किंग स्कीम की जानकारी हासिल हो जाती है।

समय प्रबंधन
परीक्षा के दौरान प्रत्येक विषय में कितना समय लगेगा, इसका अनुमान लगाने के लिए छात्र मॉक टेस्ट पेपर का सहारा ले सकते हैं। इस प्रकार से उम्मीदवार इस बात का अनुमान लगा सकते हैं कि उन्हें किस विषय के प्रश्नों को हल करने के लिए कितना समय देना चाहिए।

सिलेबस रिवाइज करने का बेहतर माध्यम
मॉक टेस्ट देने से न केवल आपके आत्मविश्वास बढ़ेगा और साथ ही आपके पूरे सिलेबस रिवीजन भी हो जाएगा। परीक्षा की तैयारी के दौरान अभ्यर्थियों को यह समस्या होती है कि वे अगले विषयों पर आगे बढ़ने के बाद पहले के अध्यायों को भूलते चले जाते हैं। मॉक टेस्ट इसीलिए तैयार किए जाते हैं ताकि वे सिलेबस की अच्छे से जानकारी प्राप्त कर सकें। यदि आपने पहले पाठ्यक्रम के एक निश्चित खंड को से रिवाइज किया है, तो आप अपने रिवीजन को मजबूत बनाने के लिए मॉक टेस्ट का उपयोग कर सकते हैं।

प्री-एग्जाम नर्वसनेस से निपटने में करेगा मदद
मॉक टेस्ट एक असली परीक्षा की तरह ही होती है। इसलिए जब आप मॉक हल करेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि असली परीक्षा भी ऐसी ही होती है। जब आप समझ जाएंगे तो एग्जाम से पहले होने वाली घबराहट से भी छुटकारा पा लेंगे। इसके साथ ही जब आप लगातार मॉक में अच्छा स्कोर करेंगे तो आपका विश्वास बढ़ जाएगा कि असली एग्जाम में भी आप बेहतर अंक प्राप्त कर सकते हैं।

मॉक टेस्ट का विश्लेषण है जरूरी
मॉक टेस्ट हल करने के बाद उसका विश्लेषण अवश्य करना चाहिए। परीक्षण लेने की तुलना में परीक्षण का विश्लेषण अधिक महत्वपूर्ण होता है। यदि आप इस प्रक्रिया को नहीं अपनाते हैं तो आप अपने प्रतियोगी को आपसे अधिक अंक लाने का मौका दे रहे हैं। आपने जिन प्रश्नों एवं सेक्शन में त्रुटियां की हैं उन्हें दूर करें और उस गलती को सही करें।

स्‍पीड बढ़ाने में करता है मदद
जो अभ्यर्थी परीक्षा तैयारियों के लिए मॉक टेस्ट नहीं सिर्फ प्रैक्टिस करते हैं, वे अक्सर परीक्षा के समय दिक्कतों का सामना करते हैं। जैसे कि उन्हें परीक्षा के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। ऐसे अभ्यर्थी परीक्षा में अपना कीमती समय खराब कर देते हैं। इसके विपरीत जो अभ्यर्थी मॉक टेस्ट हल करते रहते हैं उनकी पेपर हल करने की स्पीड बढ़ती जाती है। वे कम से कम समय में ज्यादा प्रश्नों को हल कर लेने की कला हासिल कर लेते हैं।