List of Vice Presidents of India and their tenure

Vice President of India (1952-2022): उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के बाद देश का दूसरा नागरिक माना जाता है। भारतीय संविधान के अनुसार देश में उपराष्ट्रपति का चुनाव कराना अनिवार्य है। संसद के ऊपरी और निचले दोनों सदनों के उम्मीदवार इस पद के लिए चुनाव में हिस्सा लेते हैं। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। अगर कभी राष्ट्रपति किसी कारणवश कार्य से अनुपस्थित होता है या अकस्मात् उनका निधन हो जाता है, तो उस दशा में उपराष्ट्रपति यानी उपराष्ट्रपति उनके काम को संभालता है। 1952 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन पहले उपराष्ट्रपति बने थे। 1952 से लेकर 2022 तक भारत के 14 उपराष्ट्रपति चुने जा चुके हैं। इन सबके नाम और इनके कार्यकाल की जानकारी इस लेख में प्रदान की जा रही है।

List of Indian Vice President (1952-2022)
भारत के उपराष्ट्रपति और उनका कार्यकाल
1- डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन : 13 मई 1952 से 12 मई, 1962
2- डॉ जाकिर हुसैन : 13 मई, 1962 से 12 मई, 1967
3- वी वी गिरी : 13 मई, 1967 से 3 मई, 1969
4- गोपाल स्वरूप पाठक : 31 अगस्त, 1969 से 30 अगस्त, 1974
5- बी डी जत्ती : 31 अगस्त, 1974 से 30 अगस्त, 1979
6- मोहम्मद हिदायतुल्ला : 31 अगस्त, 1979 से 30 अगस्त, 1984
7- रामस्वामी वेंकटरमण : 31 अगस्त, 1984 से 24 जुलाई, 1987
8- शंकर दयाल शर्मा : 3 सितंबर, 1987 से 24 जुलाई, 1992
9- के आर नारायणन : 21 अगस्त, 1992 से 24 जुलाई, 1997
10- कृष्णकांत : 21 अगस्त, 1997 से 27 जुलाई, 2002
11- भैरो सिंह शेखावत : 19 अगस्त, 2002 से 21 जुलाई, 2007
12- हामिद अंसारी : 11 अगस्त, 2007 से 10 अगस्त, 2017
13- वेंकैया नायडू : 11 अगस्त, 2017 से 10 अगस्त, 2022
14- जगदीप धनखड़ : 11 अगस्त, 2022 से अब तक

उपराष्ट्रपति चुनाव 2022
14वें उपराष्ट्रपति के चुनाव वर्ष 2022 में संपन्न हुए। इसमें जगदीप धनखड़ एवं मार्गरेट अल्वा प्रत्याशी थे। मुकाबले में जगदीप धनखड़ को कुल 528 मत मिले, जबकि अल्वा को सिर्फ 182 वोट से ही संतोष करना पड़ा। इस चुनाव में कुल 725 सांसदों ने मतदान किया, जिनमें से 710 वोट वैध पाए गए, 15 मतपत्रों को अवैध पाया गया। वोटों की गिनती के बाद जगदीप धनखड़ भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बन गए।

उपराष्ट्रपति का कार्य क्षेत्र
भारत का उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के पद त्याग, अपदस्थीकरण या मृत्यु की स्थिति में उनके कार्यों का निर्वहन करता है। इसके अलावा जब भारत का राष्ट्रपति अनुपस्थिति, बीमारी या अन्य किसी कारण से अपने कृत्यों का निर्वहन करने में असमर्थ होता है तब भारत का उपराष्ट्रपति उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों का निर्वहन करता है।