मानविकी विषयों के साथ बनें लॉ एक्सपर्ट
12वीं के बाद एकल प्रवेश परीक्षा के जरिये बीए और एलएलबी की पढ़ाई एक साथ कर सकते हैं
सीयूईटी की परीक्षा समाप्त हो चुकी है और आगामी 30 जून को इसके परिणामों की घोषणा की जाएगी। कोर्स के चयन को लेकर छात्रों के मन में तमाम तरह की दुविधाओं ने जन्म लेना शुरू कर दिया होगा कि स्नातक में किस कोर्स में प्रवेश लेना सही रहेगा। कानून और मानविकी के क्षेत्र में कॅरिअर बनाने की इच्छा रखने वालों के लिए ऐसा ही एक कोर्स है बीए-एलएलबी। बीए एलएलबी भारत में एक स्नातक विधि कोर्स है, जो कला या सामाजिक विज्ञान में पारंपरिक शैक्षणिक शिक्षा को व्यावसायिक कानूनी शिक्षा के साथ जोड़ता है।
कोर्स के लिए जरूरी पात्रता
बीए एलएलबी के पांच साल के इंटीग्रेटेड कोर्स में दाखिला लेने के लिए कुछ कॉलेज 12वीं के अंकों के आधार पर, तो कुछ कॉलेज राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय प्रवेश-परीक्षाओं जैसे सीएलएटी, एलएसएटी-इंडिया, एमएच सीईटी लॉ के माध्यम से प्रवेश लेते हैं। विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए आप स्नातक करने के पश्चात एलएलएम और पीएचडी भी कर सकते हैं।
कोर्स करने के फायदे
बीए एलएलबी की डिग्री संवैधानिक, कॉरपोरेट, आपराधिक, पारिवारिक और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का व्यापक ज्ञान प्रदान करती है। साथ ही एक वकील के रूप में, ग्राहकों, न्यायाधीशों और कानूनी पेशेवरों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने में सक्षम बनाता है। बीए एलएलबी कोर्स राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और इतिहास जैसे मानविकी विषयों के साथ कानून के अध्ययन को जोड़कर बहु-विषयक दृष्टिकोण प्रदान करता है।
एडवोकेट बनने की पंजीकरण प्रक्रिया
लॉ के क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की ओर से ऑल इंडिया बार काउंसिल परीक्षा का आयोजन किया जाता है। अभ्यर्थी बीसीआई से प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के बाद न्यायालय में प्रैक्टिस कर सकते हैं।
कुछ प्रमुख संस्थान
दिल्ली विश्वविद्यालय https://www.du.ac.in
जामिया मिलिया इस्लामिया https://jmi.ac.in
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय https://bhu.ac.in
इलाहाबाद विश्वविद्यालय https://www.allduniv.ac.in
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी https://nludelhi.ac.in
बीए एलएलबी के बाद की राहें
आप वकील, एडवोकेट, कानूनी सलाहकार के रूप में लॉ फर्म, कॉरपोरेट लीगल डिपार्टमेंट, न्यायिक सेवाओं, सिविल सेवाओं, कानूनी अनुसंधान और शिक्षा, वैकल्पिक विवाद समाधान, एनजीओ, कानूनी पत्रकारिता आदि क्षेत्रों में कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, जैसे-सिविल सेवा, न्यायिक सेवा आदि में भी शामिल हो सकते हैं।
सीयूईटी की परीक्षा समाप्त हो चुकी है और आगामी 30 जून को इसके परिणामों की घोषणा की जाएगी। कोर्स के चयन को लेकर छात्रों के मन में तमाम तरह की दुविधाओं ने जन्म लेना शुरू कर दिया होगा कि स्नातक में किस कोर्स में प्रवेश लेना सही रहेगा। कानून और मानविकी के क्षेत्र में कॅरिअर बनाने की इच्छा रखने वालों के लिए ऐसा ही एक कोर्स है बीए-एलएलबी। बीए एलएलबी भारत में एक स्नातक विधि कोर्स है, जो कला या सामाजिक विज्ञान में पारंपरिक शैक्षणिक शिक्षा को व्यावसायिक कानूनी शिक्षा के साथ जोड़ता है।
कोर्स के लिए जरूरी पात्रता
बीए एलएलबी के पांच साल के इंटीग्रेटेड कोर्स में दाखिला लेने के लिए कुछ कॉलेज 12वीं के अंकों के आधार पर, तो कुछ कॉलेज राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय प्रवेश-परीक्षाओं जैसे सीएलएटी, एलएसएटी-इंडिया, एमएच सीईटी लॉ के माध्यम से प्रवेश लेते हैं। विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए आप स्नातक करने के पश्चात एलएलएम और पीएचडी भी कर सकते हैं।
कोर्स करने के फायदे
बीए एलएलबी की डिग्री संवैधानिक, कॉरपोरेट, आपराधिक, पारिवारिक और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का व्यापक ज्ञान प्रदान करती है। साथ ही एक वकील के रूप में, ग्राहकों, न्यायाधीशों और कानूनी पेशेवरों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने में सक्षम बनाता है। बीए एलएलबी कोर्स राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और इतिहास जैसे मानविकी विषयों के साथ कानून के अध्ययन को जोड़कर बहु-विषयक दृष्टिकोण प्रदान करता है।
एडवोकेट बनने की पंजीकरण प्रक्रिया
लॉ के क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की ओर से ऑल इंडिया बार काउंसिल परीक्षा का आयोजन किया जाता है। अभ्यर्थी बीसीआई से प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के बाद न्यायालय में प्रैक्टिस कर सकते हैं।
कुछ प्रमुख संस्थान
दिल्ली विश्वविद्यालय https://www.du.ac.in
जामिया मिलिया इस्लामिया https://jmi.ac.in
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय https://bhu.ac.in
इलाहाबाद विश्वविद्यालय https://www.allduniv.ac.in
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी https://nludelhi.ac.in
बीए एलएलबी के बाद की राहें
आप वकील, एडवोकेट, कानूनी सलाहकार के रूप में लॉ फर्म, कॉरपोरेट लीगल डिपार्टमेंट, न्यायिक सेवाओं, सिविल सेवाओं, कानूनी अनुसंधान और शिक्षा, वैकल्पिक विवाद समाधान, एनजीओ, कानूनी पत्रकारिता आदि क्षेत्रों में कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, जैसे-सिविल सेवा, न्यायिक सेवा आदि में भी शामिल हो सकते हैं।