Courses After 12th: आर्ट्स विषयों में कॅरिअर के विकल्प
अक्सर यह धारणा देखने को मिलती है कि आर्ट्स विषय महज डिग्री प्राप्त कर ग्रेजुएट कहलाने भर के लिए होते हैं, कॅरिअर निर्माण के लिए नहीं। जानते है आर्ट्स विषयों से जुड़े ट्रेडिशनल और नॉन ट्रेडिशनल पाठ्यक्रमों व उनके महत्व के विषय में-
बीए (ऑनर्स) अर्थशास्त्रः अधिकतर इस कोर्स में डिग्रीधारक छात्रों को कोर्स समाप्ति से पूर्व ही कैंपस प्लेसमेंट के जरिए जॉब ऑफर हो जाती है। इस कोर्स में अर्थव्यवस्था संबंधित शिक्षा के अलावा गणितीय और सांख्यिकी मॉडलों के जरिए आंकड़ों का विश्लेषण करना और विभिन्न घटकों के बीच सह संबंध को समझने का ज्ञान दिया जाता है, जिसकी उपयोगिता मार्केटिंग, रिसर्च, सर्वे तथा सरकारी विभागों में होती है।
विदेशी भाषा: आयात-निर्यात तथा बढ़ते विदेश व्यापार के कारण विदेशी भाषाओं के जानकारों की मांग बढ़ी है। इन भाषाओं में स्पेनिश, फ्रेंच, जापानी, चीनी, जर्मन, रूसी आदि का खासतौर पर जिक्र किया जा सकता है। रोजगार अवसर पर्यटन उद्योग, हवाई सेवाओं, होटलों, विदेशी भाषा शिक्षा संस्थानों व सरकारी विभागों में हैं।
विधि (लॉ): 12वीं के बाद लॉ की पढ़ाई का प्रावधान पांच वर्षीय पाठ्यक्रम के रूप में शुरू किया गया है। बीए एलएलबी (ऑनर्स) कोर्स में अमूमन चयन परीक्षा के आधार पर दाखिले दिए जाते हैं। इसके बाद वकील प्रैक्टिस करने की इजाजत बार काउंसिल से मिल जाती है।
सोशल वर्क: सरकारी समाज कल्याण विभागों और उनमें निरंतर बढ़ते बजटीय प्रावधानों के कारण समाज कार्य या सोशल वर्क संबंधी शैक्षिक पृष्ठभूमि वाले युवाओं की मांग एनजीओ और सरकारी तंत्र में काफी बढ़ गई है। सामाजिक उत्थान एवं वंचितों की सहायता के इच्छुक युवाओं के लिए इस क्षेत्र में अनेक विकल्प हैं। देशी व विदेशी एनजीओ दोनों में क्षेत्र के जानकारों के लिए तरक्की की अनेक संभावनाएं हैं।
टूरिज्म: निजी क्षेत्र की पर्यटन क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी और सरकार के द्वारा पर्यटन उद्योग को विकसित करने के प्रयासों के चलते टूरिज्म क्षेत्र में कॅरिअर की अनेक नई संभावनाओं ने जन्म लिया है। देश में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएजन स्तर पर पर्यटन आधारित कोर्स बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं। अमूमन चयन परीक्षा के जरिए इनमें दखिले दिए जाते हैं।
होम साइंस: युवतियों के लिए आरक्षित इस कोर्स में कई विषयों को समाहित किया गया है, ताकि रोजगार अवसरों की विविधता मिल सके। इसके तहत पर्यावरण विज्ञान, स्वास्थ्य एवं पोषण, फैशन डिजाइनिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, होम मैनेजमेंट, कुकरी, चाइल्ड डेवलपमेंट, मनोविज्ञान इत्यादि विषयों की पढ़ाई होती है। प्रत्येक का कॅरिअर निर्माण की दृष्टि से अपना स्वतंत्र अस्तित्व है।